मंदिर जी का परिचय

श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर भारत की राजधानी दिल्ली से चौबीस किलोमीटर की दूरी पर फरीदाबाद सेक्टर-10 में स्थित है। मंदिर जी का निर्माण आर्यिका कौशला माता जी की प्रेरणा एवं श्री एस.के. जैन जी, श्री मुकेश जैन जी, श्री श्रेयांश जैन जी, श्री दिनेश जैन जी एवं स्थानीय जैन समाज के प्रयासों से किया गया है। मंदिर जी में पंचकल्याणक परम पूजनीय श्री 108 विद्यानन्द महाराज जी के सानिध्य में सन् 2003 में सम्पन्न हुआ है। मंदिर जी में तीन वेदियो का निर्माण किया गया है। मंदिर जी की मूल वेदी में मूलनायक प्रतिमा श्री 1008 आदिनाथ भगवान जी की है। इसी वेदी में श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान, श्री 1008 चन्द्रप्रभु भगवान एवं श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान जी की प्रतिमाएँ विराजमान है। मूल वेदी के दांई ओर वेदी में मूलनायक प्रतिमा श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान जी की है। वेदी में मूलनायक प्रतिमा के साथ श्री 1008 अनन्तनाथ भगवान जी एवं श्री 1008 महावीर भगवान जी की भी प्रतिमाएँ विराजमान है। मूल वेदी के बाईं ओर वेदी में मूलनायक प्रतिमा श्री 1008 महावीर भगवान जी की है।
पुरे क्षेत्र में प्रतिमाओं का बहुत अतिशय है। सन् 2007 में एक बार रात के समय कुछ चोर मंदिर जी में चोरी के लक्ष्य से प्रवेश करते है। वे बड़ी चतुराई से मंदिर जी के गर्भगृह की एक खिड़की को तोड़ कर मंदिर जी में प्रवेश करने का सोचते है। खिड़की के टूटने की आवाज से मंदिर जी के माली को चोरों का आभास हो जाता है और वह तुरन्त ही स्थानीय निवासियों को सूचित कर देते है। लोगो को आता देख चोर डर के मारे खाली हाथ भाग जाते है और मंदिर जी में चोरी होने से बच जाती है।
जैन समाज एवं सुविधाए
फरीदाबाद में जैन समाज केवल 400 से 500 परिवारों के करीब है। कम संख्या होने के बावजूद जैन समाज क्षेत्र के हर प्रकार के सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता है। फरीदाबाद में जैन मंदिर अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित है। प्रत्येक जैन मंदिर जी के लिए अलग समिति का निर्माण किया गया है। फरीदाबाद के सेक्टर- 10 में श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर स्थित है। मंदिर जी में समय-समय पर जैन मुनि महाराज जी का आगमन होता रहता है। महाराज जी के आने पर रुकने की व्यवस्था के रूप में समिति द्वारा 250 गज भूमि खरीदकर श्री आदिनाथ निलय भवन का निर्माण कराया गया है। निलय भवन में ही एक बड़ा हॉल बना हुआ है जिसका उपयोग धार्मिक कार्यक्रम में किया जाता है। निलय भवन में ही तीन कमरें ऐ.सी. की सुविधा के साथ उपलब्ध है। निलय भवन में ही जैन धर्मार्थ होम्योपैथिक औषधालय का निर्माण कराया गया है जहाँ कम शुल्क पर आयुर्वेदिक दवाई उपलब्ध करवाई जाती है। समिति द्वारा समिति द्वारा समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैम्प जैसे सामाजिक कार्यक्रमों की भी व्यवस्था करवाई जाती है। समिति द्वारा गरीब लोगो के लिए वस्त्र दान एवं बी.के.सिविल हस्पताल फरीदाबाद में चाय का दान जैसे सामाजिक कार्यक्रम भी किए जाते है। मंदिर जी की समिति द्वारा श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन शिक्षा सदन का निर्माण किया गया है जिसके माध्यम से कमजोर वर्ग के नौवीं एवं दसवीं कक्षा के बच्चों को नाम मात्र शुल्क पर शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है।
क्षेत्र के बारे में
फरीदाबाद हरियाणा राज्य का एक जिला है। फरीदाबाद भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली महानगर का एक महत्वपूर्ण उपनगर है। फरीदाबाद शहर की स्थापना 1607 शेख फरीद ने की थी जिसे बाबा फरीद के नाम से भी जाना जाता है। बाबा फरीद एक प्रसिद्ध सूफी संत थे और मुगल बादशाह जहाँगीर के कोषाध्यक्ष भी थे। यहाँ पर बाबा फरीद की मजार भी बनी हुई है। इसके प्रति स्थानीय लोगों में बड़ी श्रद्धा है। 1950 में भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए शरणार्थियों का एक बड़ा समूह यहाँ आ कर बस गया। उनके पुनर्वास के लिए उद्योग स्थापित किए गए थे। बाद में विभिन्न समुदायों, क्षेत्रों और धर्मों के लोग भी फरीदाबाद में आकर बस गए। प्रारंभ में यह गुड़गाँव जिले का एक हिस्सा था। 15 अगस्त 1979 को फरीदाबाद को एक अलग जिले के रूप में स्थापित किया गया था।
समिति
मंदिर जी के सुचारु रूप से संचालन के लिए समिति का निर्माण किया गया है। समिति में कार्यरत सदस्य इस प्रकार है -
प्रधान - श्री अशोक जैन
सचिव - श्री सुमित जैन
कोषाध्यक्ष - श्री संदीप जैन
सदस्य -श्री सतीश जैन