मंदिर जी परिचय

हरियाणा की इंडस्ट्रियल हब मानेसर के पास अरावली पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है, श्री 1008 दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कासन। क्षेत्र में खुदाई के दौरान प्राप्त हुई श्री मल्लीनाथ भगवान जी की प्रतिमा जो 750 वर्ष प्राचीन है तथा लोगों का मानना है कि क्षेत्र का विकास प्रतिमा जी के प्रकट होने के पश्चात हुआ। सन् 1997 में मंगल नामक नाई के घर में नींव की खुदाई के दौरान एक मटके में 10 जैन प्रतिमाएँ प्राप्त हुई। सभी प्रतिमाएँ 750 वर्ष प्राचीन थी, जिन्हें बाद में मंदिर जी में लाकर स्थापित किया गया। परम पूज्य उपाध्याय श्री गुप्तिसागर जी महाराज की प्रेरणा से प्रतिमाओं का पंचकल्याणक हुआ। मंदिर जी तक पहुँचने के लिए सीढ़िया निर्मित है। मंदिर जी में प्रवेश करके एक हॉल के साथ मंदिर जी का गर्भगृह है, जिसमें चार वेदिया निर्मित है। मध्य वेदी में मूलनायक प्रतिमा श्री पार्श्वनाथ भगवान जी की है। पार्श्वनाथ भगवान जी की प्रतिमा के साथ ही श्री मल्लिनाथ भगवान तथा श्री महावीर भगवान जी की प्रतिमाएँ विराजमान है। मूलवेदी के बाई ओर शांतिनाथ भगवान जी की वेदी है तथा दाईं तरफ श्री 1008 आदिनाथ भगवान जी की वेदी स्थापित है। चौथी वेदी में भूगर्भ से प्रकटी 750 वर्ष प्राचीन मल्लिनाथ भगवान जी की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर जी में अब तक दो बार चोरी हो चुकी है। जिसमे से सन् 2002 में मंदिर जी से प्राचीन प्रतिमाएँ चोरी हो गई थी जो कुछ समय पश्चात मंदिर जी में वापिस आ गई तथा सन् 2007 में फिर से चोरी होने के बाद आज तक वो प्रतिमाएँ मंदिर जी में दोबारा नहीं आई।
जैन समाज एवं धर्मशाला
श्री दिगम्बर जैन महासमिति कासन द्वारा क्षेत्र में आने वाले यात्रियों के लिए कमरों की व्यवस्था की गई है। कमरे ए.सी. व नॉन ए.सी. सर्विस के साथ उपलब्ध है। बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए भोजनशाला की सुविधा भी उपलब्ध है साथ ही मंदिर जी में पार्किंग की व्यवस्था भी बनी हुई है। मंदिर जी के बाहर 100 से अधिक गाड़ियाँ पार्किंग में पार्क की जा सकती हैं। क्षेत्र में जैन परिवारों की संख्या तीन या चार ही है परंतु गाँव के अन्य समाज द्वारा मंदिर जी के प्रति श्रद्धा भाव देखकर दिगम्बर जैन महा समिति द्वारा क्षेत्र में निःशुल्क औषधालय का निर्माण किया गया है।
क्षेत्र के बारे में
गुरुग्राम या गुड़गाँव हरियाणा राज्य का एक नगर है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से सटा हुआ है। यह फरीदाबाद के बाद हरियाणा का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। गुरुग्राम दिल्ली के प्रमुख सैटेलाइट नगरों में से एक है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है। चण्डीगढ़ और मुम्बई के बाद यह भारत का तीसरा सबसे ज्यादा पर-कैपिटा इनकम वाला नगर है। लोकमान्यता अनुसार महाभारत काल में इन्द्रप्रस्थ (वर्तमान दिल्ली) के राजा युधिष्ठिर ने यह ग्राम अपने गुरु द्रोणाचार्य को दिया था। उनके नाम पर ही इसे गुरुग्राम कहा जाने लगा, जो कालांतर में बदलकर गुड़गांव हो गया है। गुरुग्राम यह नगर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
समिति
श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कासन के संचालन में श्री दिगम्बर जैन मंदिर महासमिति का बहुत योगदान है। समिति के सदस्य इस प्रकार है -
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष - श्री दीपक जैन जी