मंदिर जी का परिचय

श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पानीपत के मॉडल टाउन में स्थित है। बताया जाता है जब लाला महावीर प्रसाद जैन जी 1960 में पानीपत के मॉडल टाउन में आए तो उनके मन में मंदिर बनवाने की प्रबल इच्छा हुई। वर्ष 1997 में पानीपत में जब सौरभ सागर जी महाराज का चातुर्मास हुआ तो श्री महावीर जैन जी ने अपनी इच्छा महाराज जी के समक्ष रखी। उन्होंने मंदिर जी के निर्माण हेतु 200 गज भूमि दान में देने की इच्छा प्रकट की किन्तु वर्ष 1998 में श्री महावीर जैन जी की असामयिक मृत्यु उपरांत उनकी यह इच्छा सन् 2001 में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती त्रिशला देवी जैन जी द्वारा भूमि जैन पंचायत को देकर पूरी की गई। मंदिर जी का शिलान्यास वर्ष 2001 में श्री सौरभ सागर जी महाराज की प्रेरणा से संपन्न हुआ।
मंदिर जी के निर्माण में समाजरत्न श्मानक चंद जैन एवं श्री सुरेश जैन का पूर्ण सहयोग रहा। तत्पश्चात 11 अप्रैल से 16 अप्रैल तक मंदिर जी का भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव परम पूज्य श्री सौरभ सागर जी महाराज एवं आचार्य श्री प्रबल सागर जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। मंदिर जी का पूरा निर्माण राजस्थानी पत्थर के द्वारा किया गया है। मंदिर जी के मुख्य द्वार पर सुंदर चित्रकारी एवं मंदिर जी की बाहरी दीवारों पर सुन्दर नक्काशी की गयी है। मंदिर जी में एक वेदी निर्मित है, वेदी में मूलनायक प्रतिमा श्री चन्द्रप्रभु भगवान जी की सफेद पाषाण की विराजमान है। मूलनायक प्रतिमा के साथ श्री आदिनाथ भगवान एवं श्री महावीर भगवान जी की सफेद पाषाण से निर्मित प्रतिमाएँ विराजमान है। वेदी में ही श्री आदिनाथ भगवान एवं शांतिनाथ भगवान जी की अष्टधातु से निर्मित प्रतिमाएँ विराजमान है। मंदिर जी में प्रतिदिन पूजा प्रक्षाल एवं अभिषेक के समय आने वाले श्रावको की संख्या में वृद्धि हो रही है।
जैन समाज एवं सुविधाए
पानीपत में जैन समाज 100 से 150 परिवारों का है। केवल 100 से 150 परिवार होते हुए भी जैन समाज द्वारा हर प्रकार के सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता है। पानीपत में जैन समाज अलग-अलग क्षेत्रों पर होने के कारण दिगम्बर जैन मंदिर भी अलग-अलग क्षेत्रों पर स्थित है। अलग-अलग क्षेत्रों पर होने के बावजूद सभी मंदिरों का संचालन पानीपत मॉडल टाउन से तीन किलोमीटर की दुरी पर पानीपत पचरंगा बाजार बड़ा मंदिर दिगम्बर जैन समिति द्वारा ही किया जाता है। मंदिर जी में आने वाले श्रावकों की सुविधाओं का ध्यान समिति द्वारा रखा जाता है ताकि उन्हें पूजा प्रक्षाल एवं अभिषेक के समय किसी प्रकार की कठिनाई न हो। मंदिर जी में बाहर से आने वाले जैन यात्रियों के लिए रुकने की व्यवस्था के रूप में श्री दिगम्बर जैन धर्मशाला निर्मित है। धर्मशाला में यात्रियों के लिए सात कमरे एवं दो बड़े हॉल की सुविधा उपलब्ध है। मंदिर जी में किसी दूर के क्षेत्र से आए यात्रियों के वाहनों लिए पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध है। मंदिर परिसर में ही जैन मुनि महाराज जी के विहार करने पर विश्राम एवं आहार हेतु त्यागी भवन तथा भोजनशाला का निर्माण किया गया है। मंदिर जी की समिति द्वारा क्षेत्र में होम्योपैथिक सैंटर भी चलाया जाता है जिसमें नाममात्र शुल्क पर उचित दवाई उपलब्ध करवाई जाती है। बड़ा मंदिर परिसर में ही जैन किड्स स्कूल है जिसमें 5वी कक्षा तक बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
क्षेत्र के बारे में
पानीपत एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है जो हरियाणा राज्य, भारत में स्थित है। यह शहर भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का केंद्र रहा है। पानीपत का प्राचीन नाम 'पाण्डवप्रस्थ' था। यह दिल्ली-चंडीगढ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 पर स्थित है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के अन्तर्गत आता है और दिल्ली से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जैन धर्म के संबंधित साहित्य के अनुसार उस समय पानीपत को पानीपथ दुर्ग भी कहा जाता था। सन् 1526, 1556 और 1761 में तीन महत्वपूर्ण युद्ध लड़े गए थे। पानीपत की भाषा हरियाणवी हैं। पानीपत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक हिस्सा हैं। पानीपत में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे कि पानीपत का किला,इब्राहीम लोदी का मकबरा,अब्दाली का मकबरा आदि। आधुनिक समय में पानीपत एक महत्वपूर्ण उद्योगिक केंद्र बन गया है। यहाँ पर कई उद्योगों की स्थापना हुई है और इसका अर्थव्यवस्था में महत्व है। पर्यटन में भी पानीपत का विशेष स्थान है क्योंकि यहाँ कई ऐतिहासिक स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। पानीपत भारतीय सांस्कृतिक विरासत का भी भंडार है जहाँ पानीपत के मेलों,त्योहारों और धार्मिक आयोजनों को भी महत्व दिया जाता है। पानीपत क्षेत्र भारतीय इतिहास,सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहाँ की ऐतिहासिक गवाही, प्रमुख लड़ाइयों और सांस्कृतिक विरासत ने इसे एक विशेष स्थान दिया है।
समिति
स्थानीय जैन निवासियों द्वारा ही मंदिर जी का संचालन सुचारु रूप से किया जाता है। मंदिर जी के कार्यरत सदस्य इस प्रकार है -
प्रधान - श्री कुलदीप जैन जी
उप प्रधान - श्री सुरेश जैन जी
सचिव - श्री मनोज जैन जी
प्रबंधक - श्री मुकेश जैन जी