वहलना जी अतिशय क्षेत्र

एक दृष्टि में

  • नाम
    श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना जी
  • निर्माण वर्ष
    मंदिर जी का गर्भगृह 200 वर्ष प्राचीन है
  • स्थान
    वहलना जी, जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश
  • मंदिर समय सारिणी
    सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक
वहलना जी मंदिर जी परिचय
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श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना जी, नेशनल हाईवे 709, मुज्जफरनगर - शामली रोड पर स्थित है। यह दिल्ली से लगभग 150 कि.मी. की दुरी पर स्थित है। वहलना जी का प्राचीन नाम 'बेहरानगर' था। लगभग 200 वर्ष पूर्व बेहरानगर एक बड़ा नगर था जहाँ 300 जैन परिवार रहते थे। मंदिर जी का निर्माण आज से दो सौ वर्ष पूर्व जैन समाज द्वारा करवाया गया था। मंदिर जी की मूल वेदी में श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ जी की भूगर्भ से प्रकटी लगभग 600 वर्ष प्राचीन प्रतिमा विराजमान है। मंदिर जी में उपाध्याय 108 श्री नयनसागर जी मुनिराज की प्रेरणा से भगवान पार्श्वनाथ जी की 31 फुट ऊँची खड्गासन प्रतिमा स्थापित की गई है। श्री पार्श्वनाथ भगवान जी की विशालकाय प्रतिमा के नीचे रमणीक ध्यान केंद्र बना हुआ है, जिसमे त्रिकाल चौबीसी का निर्माण किया गया है। मंदिर जी का परिसर 10 एकड़ भूमि पर फैला है। मंदिर जी के सामने 57 फुट ऊँचा मान स्तंभ बना हुआ है। मंदिर जी में सुन्दर वाटिका में तीन समाधियाँ - मुनिराज सुपार्श्वसागर जी, श्री बोधसागर जी संघस्थ आचार्य श्री धर्मसागर जी, मुनि श्री चरित्रभूषण जी की हैं। श्री चतुरसेन जैन मेमोरियल प्राकृतिक 20 बेड चिकित्सालय, योग एवं शोध संस्थान, पार्श्व नौका विहार, अश्व वन, तीर्थंकर केवली वृक्ष वाटिका, ध्यान केन्द्र, हरियाली फव्वारें आदि सुन्दर रमणीय स्थान है। मंदिर जी में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमे दूर दूर के क्षेत्रों से लोग आकर इस अवसर पर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते है।


कथा अतिशय की

मंदिर जी में समय-समय पर अनेको अतिशय देखने को मिलते है। मंदिर जी में जब भगवान पार्श्वनाथ जी की बड़ी प्रतिमा को बनाने का निर्माण कार्य चल रहा था तब प्रतिमा जी को बनाने वालें कारीगर ने भगवान पार्श्वनाथ जी के आगे हाथ जोड़कर बड़े श्रद्धा भाव से ये कहा की, मेरे घर 16 साल से संतान का सुख प्राप्त नहीं हुआ, आप से प्रार्थना है की आप मुझे संतान का आशीर्वाद दे। भगवान पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा के बनकर पूरा होने के साथ ही उस कारीगर के घर संतान का सुख प्राप्त हुआ। एक अन्य अतिशय के बारे में बताया जाता है, की जब मंदिर जी में कुछ चोर रात के समय चोरी करने आये तब वह प्रतिमा जी के अतिशय के कारण अंधे होकर मंदिर जी के बाहर ही नहीं जा सके। यह प्रतिमाओं का अतिशय ही है जो चोर चोरी न कर सके।


सुविधाएं एवं धर्मशाला

वर्तमान समय में मंदिर जी में हर प्रकार की सुख सुविधाएं है, जिससे भक्तो को दर्शन करने में कोई भी चिंता न हो। मंदिर जी में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओ के लिए एक जैन धर्मशाला स्थित है। धर्मशाला में - 21 आवास कमरे अटैच बाथरूम के साथ, 10 ए.सी. कमरे, 17 वातानुकूलित कमरे, 18 कमरे कूलर सहित, 1 गेस्ट हाऊस का निर्माण किया गया है। यात्री ठहराने की कुल क्षमता 200 है।

भोजनशाला - अनुरोध पर, नि:शुल्क

औषधालय - उपलब्ध है, (प्राकृतिक चिकित्सालय)

पुस्तकालय - उपलब्ध है, (पुस्तकें लगभग 1000)


मुजफ्फरनगर क्षेत्र के बारे में

मुजफ्फरनगर का क्षेत्रफल 4049 वर्ग किलोमीटर है। मुजफ्फरनगर दिल्ली से लगभग 116 किमी दूर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है जिसकी सीमाएँ हरियाणा और राजस्थान से मिलती हैं। यह राष्ट्रीय राज मार्ग 58 पर सहारनपुर मण्डल के अंतर्गत गंगा और यमुना के दोआब में, दक्षिण में मेरठ और उत्तर में सहारनपुर जिलों के बीच स्थित है। यह क्षेत्र विभिन्न धार्मिक स्थलों के लिए महत्वपूर्ण है। गंगा यमुना के संगम पर बसे इस क्षेत्र में कई तीर्थ स्थल हैं जैसे कि शुक्राताल, तांदा, अंबा बारा, भिट्ठौड़ा, और मन्दीरा घाट आदि। यहाँ के त्योहार और मेले भी अपने आप में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन होते हैं। इस ज़िले में कई प्राचीन राजमहल और राजा-महाराजा के महल हैं, जो ऐतिहासिक महत्व के हैं और पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। यहाँ की हिंदी और उर्दू प्रमुख भाषाएँ हैं, लेकिन अन्य भाषाएँ भी यह पर बोली जाती हैं, जैसे कि हरियाणवी और राजस्थानी।

मुजफ्फरनगर एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है, चीनी, इस्पात, कागज और सिले सिलाये कपड़े और हाथ की कशीदाकारी से बने महिलाओं के सूट के लिए प्रसिद्ध है। गन्ना के साथ अनाज यहाँ के प्रमुख उत्पाद है। यहाँ की ज़्यादातर आबादी कृषि में लगी हुई है जो कि इस क्षेत्र की आबादी का 70% से अधिक है। मुजफ्फरनगर का गुड़ बाजार एशिया में सबसे बड़ा गुड़ का बाजार है। मुजफ्फरनगर में गन्ना भारत में सबसे अधिक पैदा होता है, गन्ने के मिल भी सबसे ज्यादा संख्या में मुजफ्फरनगर है।


समिति

श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र प्रबंधकारिणी समिति, वहलना के द्वारा ही मंदिर जी का संचालन किया जाता है। समिति के सदस्य समिति :-

संरक्षक - श्री नरेन्द्रकुमार जैन

अध्यक्ष - श्री श्रेयांसकुमार जैन

महामंत्री - श्री राजकुमार जैन

कोषाध्यक्ष - श्री रजनीश जैन

प्रबन्धक - श्री दिनेशचन्द्र जैन